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ओलंपिक कुश्ती के फ़ाइनल मुकाबले में हार कर भी लाखों लोगों का दिल जीत गये रशियन पहलवान Aniuar Geduev

ईद पर आई सलमान खान की फ़िल्म ‘सुल्तान’ तो आप सब ने देखी होगी, अखाड़े में पहलवानों को पटकते हुए, सलमान खान ने अपनी बोली और अपने अंदाज़ से एक बार फ़िर लोगों का दिल जीत लिया. कुश्ती पर आधारित इस फ़िल्म में एक पहलवान जिस तरह से खुद को अखाड़े के लिए तैयार करता है, उसकी केवल एक झलक भर इसमें नज़र आती है. कई ऐसी चीज़ें हैं, जो कुश्ती को दूसरों से अलग बनाती हैं. इस खेल में अनुशासन है, संयम है, दोस्ती है और सबसे महत्वपूर्ण चीज़ इस खेल में साहस है, जो बार-बार चित्त होने के बावजूद पहलवान को खड़ा होने की हिम्मत देता है और एक नए सिरे से लड़ाई के लिए तैयार करता है.

ऐसे ही एक साहस का परिचय रिओ ओलम्पिक के 74 किलोग्राम रेसलिंग मुकाबले के फाइनल में देखने को मिला, जहां रशियन रेसलर Aniuar Geduev बेशक हार गये, पर अपने मुकाबले से उन्होंने दुनियाभर के प्रशंसकों का दिल जीत लिया.

दरअसल ईरान के पहलवान हसन याजदानिचराती के सामने फाइनल मुकाबले के लिए उतरे Aniuar Geduev मुकाबले के कुछ समय बाद ही चोटिल हो गये थे, जिससे उनकी बाईं आंख के ऊपर एक गहरा घाव हो गया था. पर पीछे हटने के बजाये रशियन पहलवान मैदान में डटा रहा और बार-बार चोटिल होने के बावजूद गोल्ड मेडल के लिए लड़ता रहा.

शुरुआती दौर में Aniuar Geduev ईरानी पहलवान से 6-0 से आगे थे पर सेकंड हाफ में ईरानी पहलवान ने 6-6 से बराबरी करके बाज़ी मार ही ली.

मैच के बाद मीडिया से रूबरू हुए ईरानी पहलवान याजदानिचराती ने बताया कि वो Aniuar के बार-बार मेडिकल ब्रेक की वजह से बहुत परेशान हो रहे थे और खेल पर अपना ध्यान केन्द्रित नहीं कर पा रहे थे. इसलिए उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया और उन दांवों की तरफ़ ध्यान देना शुरु किया, जो चोट की वजह से एनियर नहीं खेल सकते थे. उन्होंने उसी रणनीति पर काम किया और एनियर को थका कर मैच का रुख पलट दिया.

मगर खुद याजदानिचराती भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि चोटिल होने के बावजूद एनियर को हराना आसान नहीं था और वो उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे थे.

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